Chanakya Aur Chor ki Kahani



  1.  "तत्र चाणक्यो नाम महापुरुषः आसीत् "=  चाणक्य नाम के  एक महान पुरुष थे 
  2. "सः चन्द्रगुप्तमौर्यस्य मंत्री आसीत्" = वह चंद्रगुप्त मौर्य के मंत्री थे
  3. "एकः चोरः आसीत्" = एक चोर था
  4. "सः चिन्तवान चाणक्य समीपे बहु धनं अस्ति" = उसने सोचा कि चाणक्य के पास बहुत पैसा है
  5. "सः चाणक्यस्य धनं चौर्यार्थं तस्य गृहे गतवान्" = वह चाणक्य के घर उनके पैसे चुराने गया था
  6. " रात्री समये चाणक्यः निद्रां करोति" = रात में चाणक्य सो जाते हैं
  7. " चोरः गृहे आगतवान्" = चोर घर में आया
  8. "चाणक्यस्य गृह विशालं उन्नतं च नास्ति" = चाणक्य का घर बड़ा और ऊंचा नहीं है
  9. "तद् गृहं एकः लघुः कुटुजः अस्ति" = वह घर एक छोटी सी झोपड़ी है
  10. "तद् दिनं बहु शीतं अस्ति " = वह दिन बहुत ठंडा है
  11. "चाणक्यस्य गृहे बहु कम्बलं सन्ति" = चाणक्य के घर में बहुत सारे कंबल हैं
  12. " किन्तु चाणक्य कम्बलं बिना तस्य प्रकोष्ठे निद्रां करोति" = लेकिन चाणक्य बिना कंबल के अपनी कोठरी में सो जाते हैं
  13. "चाणक्यस्य गृहे धनं नास्ति" = चाणक्य के घर में पैसा नहीं है
  14. "चोरः चिन्तितवान धनं नास्ति सम्यक परन्तु चाणक्य किमर्थं कम्बलं बिना निद्रां करोति" = चोर को लगा कि पैसा तो नहीं है लेकिन चाणक्य बिना कंबल के क्यों सोते हैं?
  15. "तद् काले चाणक्यः उतिष्ठवान्" = उस समय चाणक्य उठे
  16. "चाणक्यः चोरं वदति" = चाणक्य ने चोर से कहा
  17. "त्वं किमर्थं मम गृहे आगच्छति" = तुम मेरे घर क्यों आये ?
  18. "चोरं वदति अहं चोरः ,अहं भवान् चोरकार्यर्थं आगच्छतु" = वह चोर कहता है, मैं चोर हूं, मैं  चोरी के काम से आया 
  19. "परन्तु अहं आश्चर्यं अनुभवति" = लेकिन मुझे आश्चर्य होता है
  20. "चाणक्यः वदति किं आश्चर्यं" = चाणक्य कहते हैं क्या आश्चर्य है
  21. "चोरः वदति भवान् गृहे बहु कम्बलान् अस्ति परन्तु भवान् किमर्थं एतस्य उपयोगं न करोति" = चोर कहता है कि तुम्हारे घर में बहुत कंबल हैं, लेकिन तुम इसका इस्तेमाल क्यों नहीं करते?
  22. "चाणक्य वदति ते कम्बलान् राजा दरिद्राय दानार्थं मम ददाति स्म" = चाणक्य कहते हैं कि वे कंबल राजा ने  मुझे गरीबों को दान देने के लिये दिये थे
  23. "तत् कम्बलान् मम् नास्ति" = वह कम्बल मेरे नहीं हैं 
  24. "मम कथनं भवतः कृते कार्यं करिष्यति" = मेरा कथन तुम्हारे काम आएगा 
  25. "अस्य अहं पश्यमि चाणक्य एक: मन्त्री तथा एक: ऋषि असित" = मैंने देखा कि चाणक्य एक मंत्री और एक ऋषि थे

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